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वफ़ाएं ना मिली किसी से यहां अदाएं जाहिर हैं तेरी बचा है कोई आज तक कहाँ फिदायें जाहिर हैं तेरी। ज़हर सी घोल दे जिगर में, कोई पाबंदियां तो खोलो मुँह ...